
⚠️ संवाददाता हरिराम देवांगन/ जानलेवा लापरवाही से गई 3 मासूमों की जान 😢
30 घंटे बाद हसदेव नदी से मिले शव — अभिभावकों व प्रशासन के लिए चेतावनी 🚨
📰 जय जोहार छत्तीसगढ़ न्यूज़ | संवाददाता – हरी देवांगन, चांपा:
चांपा के कुदारी बैराज क्षेत्र में रविवार को हुआ बड़ा हादसा क्षेत्र को दहला गया। हसदेव नदी में नहाने गए तीन मासूम बच्चे — नेल्सन, रूद्र और युवराज — अचानक लापता हो गए थे। लगभग ⏳ 30 घंटे की लगातार खोज के बाद तीनों के शव बरामद कर लिए गए। पूरे इलाके में मातम छाया हुआ है 😔।
📍 कैसे हुआ हादसा?
तीनों बच्चे हनुमान धारा के पास नहाने गए थे। यह क्षेत्र अक्सर पिकनिक, स्नान और घूमने वालों से भरा रहता है। इसके बावजूद किसी ने बच्चों को डूबते नहीं देखा ❗
नदी का यह हिस्सा बेहद गहरा और तेज प्रवाह वाला बताया जाता है 🌊।
🚤 30 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन:
सूचना मिलते ही पुलिस 👮♂️, गोताखोर दल 🤿 और ग्रामीणों ने मिलकर तलाश शुरू की।
तेज बहाव, अंधेरा और गहराई ने सर्च ऑपरेशन को और कठिन बना दिया।
आखिरकार लगातार कोशिशों के बाद तीनों मासूमों के शव बरामद हुए 😢।
❓ निगरानी की कमी पर उठे सवाल:
स्थानीय लोगों ने कई गंभीर सवाल उठाए—
इतनी भीड़ में बच्चों पर निगरानी क्यों नहीं थी? 👀
खतरनाक गहराई के बावजूद चेतावनी बोर्ड क्यों नहीं? ⚠️ बैराज क्षेत्र में सुरक्षा इंतजाम सिर्फ कागज़ों तक क्यों सीमित हैं? 📄
यह घटना प्रशासनिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर घोर लापरवाही को उजागर करती है।
👨👩👧 अभिभावकों के लिए बड़ा सबक:
आजकल कई माता-पिता बच्चों को बिना सोचे-समझे नदी-तालाब में भेज देते हैं, जबकि बच्चे न तैरना जानते हैं और न गहराई समझते हैं।
👉 कभी भी बच्चों को अकेले नदी, तालाब, नाला या बैराज क्षेत्र में न भेजें।
👉 पानी में एक छोटी गलती — पूरी जिंदगी छीन सकती है 💔।
📢 अब आगे क्या?
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है—
चेतावनी बोर्ड लगें ⚠️
सुरक्षा रस्सियाँ बांधी जाएं 🪢
लाइफगार्ड/चौकीदार तैनात हों 👮♂️
खतरनाक क्षेत्रों में प्रवेश रोकें 🚫
प्रशासन ने भी सुरक्षा बढ़ाने के संकेत दिए हैं।
🔚 निष्कर्ष:
तीन मासूमों की मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है 💔
यह हादसा एक चेतावनी है — पानी में जरा-सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।
अब जिम्मेदारी हम सबकी है कि ऐसी त्रासदियाँ दोबारा न हों।











