
संवाददाता धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ तिल्दा नेवरा क्षेत्र के ग्राम कोहका में गौरा-गौरी, मातर एवं गोवर्धन पूजा धूमधाम से सम्पन्न
कोहका। तिल्दा नेवरा।
तिल्दा नेवरा के समीप ग्राम कोहका में इस वर्ष गौरा-गौरी पूजा, मातर पर्व और गोवर्धन पूजा का आयोजन बड़े ही श्रद्धा, उत्साह और पारंपरिक भव्यता के साथ संपन्न हुआ।
सुबह से ही पूरे गांव में पूजा-पाठ, ढोल-नगाड़े और मंगल गीतों की गूंज से वातावरण भक्तिमय बना रहा। ग्रामवासी पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर बाजे-गाजे के साथ पूजा स्थल पहुंचे और पूरे उत्साह के साथ पर्व का आनंद लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ ग्रामीणजनों द्वारा गोवर्धन पूजा से की गई। गाय-बैल की पूजा कर ग्रामीणों ने उन्हें फूल-माला पहनाई और अन्नकूट प्रसाद का वितरण किया। इस दौरान मातर पर्व की पारंपरिक रस्में भी निभाई गईं, जिसमें गौमाता की सेवा कर, दूध का प्रसाद वितरण कर सभी ने प्रकृति और पशुधन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
इसके पश्चात शाम को महिलाओं द्वारा गौरा-गौरी पूजा विधिवत संपन्न की गई। पारंपरिक गीतों और लोकनृत्य के साथ महिलाओं ने गौरा-गौरी की प्रतिमाओं की आराधना की। पूजा स्थल को दीपों और फूलों से सजाया गया, जिससे पूरा ग्राम आलोकित हो उठा। ग्रामीणों ने कहा कि यह पर्व शिव-पार्वती के मिलन और सौभाग्य की कामना का प्रतीक है।
इस पावन अवसर पर उप सरपंच प्रभु लाल बंजारे व भूतपूर्व उप सरपंच तुलाराम निषाद, पंचगण भानु यदु, पंच पति शत्रुहन जायसवाल, कुमारी बाई यदु, पवन जायसवाल, पत्रकार धीरेंद्र कुमार जायसवाल, अभय लाल जायसवाल, कुमारी बाई यदु, अश्वनी यदु, सेवक यदु सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।
महिलाओं और युवाओं का विशेष उत्साह देखने को मिला। पूजा के बाद सामूहिक भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण हुआ, जिसमें पूरे ग्राम के लोगों ने भाग लिया।
ग्राम के वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि गौरा-गौरी, मातर और गोवर्धन पूजा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा हैं — यह पर्व हमें एकता, भक्ति और प्रकृति प्रेम का संदेश देते हैं।
पूरे आयोजन में ग्रामीणों का भरपूर सहयोग रहा। कार्यक्रम का समापन दीपोत्सव और सामूहिक भोज के साथ हुआ, जहां सभी ने एक-दूसरे को पर्व की बधाई दी।
गाय है माता, धरती का श्रृंगार,
उसकी पूजा में मिलता अपार प्यार।
मातर पर्व पर यही है संदेश,
प्रकृति से प्रेम ही जीवन का विशेष। 🌾
ढोल मंजीरा बजे, गायों का हो श्रृंगार,
मातर पर्व में दिखे भक्ति का संसार।
सेवा, सम्मान, और प्रेम की मिसाल,
यही है हमारे त्योहार की पहचान। 🐮
कृष्ण की भक्ति और गौमाता का प्यार,
मातर व गोवर्धन पूजा का त्योहार।
धरती महके, गोकुल सा नजारा हो,
हर दिल में भक्ति का उजियारा हो। 🌺
बाजे गाजे से गूंजा गांव का आंगन,
गोवर्धन पूजा से पवित्र हुआ जीवन।
मातर पर्व में गायों का हुआ सम्मान,
ऐसी परंपरा रखे हमारी पहचान। 💐











