
संवाददाता राजू पाल/ हथबंद स्कूल में अनुशासनहीनता से पालकों में आक्रोश
समय से पहले स्टाफ के जाने और बच्चों की बिगड़ती पढ़ाई पर उठे सवाल
हथबंद। शिक्षा सत्र 2025–26 की शुरुआत 16 जून से हो चुकी है, लेकिन शासकीय उत्कृष्ट हिंदी-अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल, हथबंद में अनुशासनहीनता और कर्मचारियों की मनमानी से पालकों में गहरी नाराजगी है।
पालकों ने शिकायत की है कि विद्यालय का निर्धारित समय दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक है, लेकिन अधिकांश शिक्षक और कर्मचारी 4 बजे ही स्कूल छोड़कर चले जाते हैं। इसके चलते शाम के समय बच्चे इधर-उधर भटकते नज़र आते हैं। कई विद्यार्थी स्कूल खत्म होने से पहले ही बाजार, रेलवे स्टेशन, सैलून और पान ठेलों के आसपास घूमते देखे जा सकते हैं।
पालकों का कहना है कि विद्यालय में अनुशासनहीनता और पढ़ाई का ठीक से न होना बच्चों के भविष्य के लिए घातक साबित हो रहा है। स्थिति ऐसी है कि कई बच्चों को पढ़ाई के लिए ट्यूशन का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं, गरीब बच्चों के लिए यह संभव नहीं हो पाता और वे पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं।
शिकायत में यह भी कहा गया कि विद्यालय में व्यायाम शिक्षक होने के बावजूद बच्चों को खेल गतिविधियों में हिस्सा नहीं दिलाया जाता और न ही खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।
जब इस संबंध में पालकगण और शिक्षा समिति के सदस्य विद्यालय के प्राचार्य सी. के. नायक से मिलने पहुँचे, तो उनसे कोई स्पष्ट और सकारात्मक उत्तर नहीं मिला। उलटे, उन्होंने पत्रकारों को विद्यालय परिसर में प्रवेश न करने की नसीहत दे दी।
पालकों का कहना है कि शासन शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, लेकिन यदि समय रहते इस स्थिति पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो वे मजबूर होकर उग्र कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।
पालकों और ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द हस्तक्षेप कर स्थिति को सुधारने की मांग की है।
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