
✍️ संवाददाता धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर ऐसे ईमानदार नागरिकों का भी होना चाहिए सम्मान..
छिंदवाड़ा।
अक्सर लोग कहते हैं कि ईमानदारी अब रही नहीं, सब बेईमान हो गए हैं। लेकिन सच यह है कि ईमानदारी आज भी ज़िंदा है — बस उसे पहचानने और सराहने की ज़रूरत है। ऐसी ही एक मिसाल मुखेड़ में देखने को मिली, जहाँ सूरज बस सर्विस के कर्मचारी तात्या (परिचालक) और हमीद खान (चालक) ने अपने आचरण से समाज के सामने एक मिसाल पेश की।
गुरुवार को मोरडोंगरी से छिंदवाड़ा आ रही सूरज बस में यात्रा कर रही महिला मुन्नी बाई साहू का पर्स बस में छूट गया। पर्स में ₹7,300 नकद और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ थे।
जैसे ही परिचालक तात्या और चालक हमीद खान को यह पर्स मिला, उन्होंने तुरंत इसकी सूचना बस मालिक महादेव सोनघरे को दी। मालिक ने जिम्मेदारी के साथ महिला का पता लगवाया और पर्स सुरक्षित रूप से लौटा दिया।
पर्स वापस पाकर मुन्नी बाई साहू ने राहत की सांस ली और कर्मचारियों का दिल से आभार जताया।
30 वर्षों से क्षेत्र में सेवा दे रही सूरज बस सर्विस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विश्वास और ईमानदारी ही उसकी पहचान है।
प्रशासन से अपील:
समाज में ऐसे ईमानदार नागरिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए पुलिस विभाग और जिला प्रशासन को चाहिए कि राष्ट्रीय पर्वों जैसे 15 अगस्त और 26 जनवरी के अवसर पर इनका भी सम्मान किया जाए।
जब इनकी ईमानदारी की ख़बरें समाचार पत्रों में छपेंगी, तो दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी और समाज में ईमानदारी की भावना और प्रबल होगी। प्रशासन को इस दिशा में एक सकारात्मक पहल ज़रूर करनी चाहिए।
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