
संवाददाता राजू पाल/ हथबंद के उत्कृष्ट स्कूल में अनुशासनहीनता: समय से पहले चले जाते हैं शिक्षक, बच्चे सड़कों पर भटकते
हथबंद। शिक्षा सत्र 2025–26 की शुरुआत हुए एक माह से अधिक हो चुका है, लेकिन शासकीय उत्कृष्ट हिंदी–अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालय हथबंद में शिक्षकों और कर्मचारियों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। विद्यालय में अनुशासनहीनता और लापरवाही के चलते बच्चों की पढ़ाई और भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार विद्यालय का समय दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित है, लेकिन अधिकांश शिक्षक प्रतिदिन 4 बजे के पहले ही स्कूल से चले जाते हैं। नतीजतन, बच्चे भी समय से पहले स्कूल से बाहर निकलकर रेलवे स्टेशन, बाज़ार, पान ठेलों और इधर–उधर भटकते देखे जा सकते हैं।
विद्यालय में अनुशासन की कमी का खामियाज़ा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। पढ़ाई में पिछड़ते बच्चे मजबूरन ट्यूशन का सहारा ले रहे हैं, जबकि गरीब अभिभावक अपने बच्चों को ट्यूशन नहीं दिला पाने के कारण परेशान हैं।
खेलों की स्थिति भी चिंताजनक है। विद्यालय में व्यायाम शिक्षक पदस्थ होने के बावजूद बच्चों को खेल गतिविधियों में भाग लेने का मौका नहीं दिया जाता। खेल सामग्री का भी उपयोग नहीं हो रहा है।
पालकों और शिक्षा समिति के सदस्यों ने जब इस संबंध में विद्यालय के प्राचार्य श्री सी.के. नायक से बात करने की कोशिश की, तो न तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब दिया, बल्कि पत्रकारों को विद्यालय परिसर में आने से मना करने की नसीहत दे डाली।
अभिभावकों का कहना है कि यदि विद्यालय प्रशासन का यही रवैया रहा और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बंद नहीं हुआ, तो वे जल्द ही कोई कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।
स्थानीय लोगों और पालकों ने शासन और शिक्षा विभाग से मांग की है कि विद्यालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई और भविष्य सुरक्षित रह सके।
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