
तिल्दा नेवरा (रायपुर) — छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में विकासखंड तिल्दा नेवरा में “रंग सरोवर छत्तीसगढ़ी लोककला कार्यक्रम” का भव्य आयोजन बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मंच पर पहुंचने पर मंत्री का पारंपरिक छत्तीसगढ़ी रीति-रिवाज से आत्मीय स्वागत किया गया।
इस अवसर पर कलाकारों ने लोकनृत्य, पंथी, सुवा, करमा, ददरिया जैसे पारंपरिक लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिससे पूरा पंडाल तालियों की गूंज से गूंज उठा। कार्यक्रम को देखने क्षेत्र भर से भारी भीड़ उमड़ी।
अपने संबोधन में मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा— “लोककला हमारी सांस्कृतिक धरोहर का जीता-जागता प्रतीक है। ऐसे सांस्कृतिक आयोजन न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि हमारी लोक परंपराओं और कला के संरक्षण के सशक्त माध्यम हैं। छत्तीसगढ़ की पहचान उसकी मिट्टी, बोली और लोककला से है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सबका कर्तव्य है।”

उन्होंने आगे कहा कि “राज्योत्सव केवल उत्सव नहीं, यह हमारी संस्कृति और परंपरा का पर्व है। जब हम अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं, तभी हमारा समाज सशक्त और आत्मगौरव से भरा होता है।”
कार्यक्रम में विशेष रूप से नगरपालिका अध्यक्ष चंद्रकला खुमान वर्मा, उपाध्यक्ष पलक विकास सुखवानी, पार्षद रानी सौरभ जैन, सांसद प्रतिनिधि अनिल अग्रवाल, भाजपा नेता राम पंजवानी, ईश्वर यदु, मनोज निषाद, नरसिंह वर्मा, पवन अग्रवाल, सौरभ जैन, टेकराम यादव, गोपाल साहू, श्याम अग्रवाल, अभिलाष अग्रवाल, सुरेश लखवानी, डॉ. लक्ष्मण प्रसाद साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक मौजूद रहे।
कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में सुवा और पंथी नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समापन अवसर पर स्थानीय कलाकारों को सम्मानित किया गया और छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ दी गईं।

कार्यक्रम “रंग सरोवर” ने यह संदेश दिया कि छत्तीसगढ़ की आत्मा उसकी लोककला और संस्कृति में बसती है। ऐसे आयोजन न केवल परंपरा को जीवित रखते हैं, बल्कि नई पीढ़ी में सांस्कृतिक गर्व की भावना भी जागृत करते हैं।











