
संवाददाता धीरेंद्र कुमार जायसवाल/रायपुर में शराब घोटाले का बड़ा खुलासा: लालपुर दुकान से 300 पेटी नकली शराब पकड़ी, ठेका कंपनी और अधिकारियों की मिलीभगत
रायपुर। राजधानी रायपुर में सरकारी शराब दुकानों में नकली और मिलावटी शराब बेचने का गोरखधंधा सामने आया है। आबकारी विभाग की कार्रवाई में लालपुर स्थित सरकारी शराब दुकान से 300 पेटी मिलावटी और बिना होलोग्राम वाली शराब बरामद की गई। मामले में फरार चल रहा सुपरवाइजर चेनदास बंजारे उर्फ़ शेखर बंजारे भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पूछताछ में आरोपी ने कई सनसनीखेज़ खुलासे किए हैं, जिससे ठेका कंपनी और विभागीय अफसरों की मिलीभगत उजागर हो गई है।

फर्जी नाम से नौकरी, रोज़ाना लाखों का खेल
पूछताछ में शेखर ने बताया कि ठेका कंपनी BIS के एरिया मैनेजर और पदाधिकारी राजा सारथी, अभिषेक शर्मा और प्रदीप गुप्ता ने उसे फर्जी नाम से नौकरी पर रखा था। उसने खुलासा किया कि स्थानीय निलंबित ADEO राजेंद्र नाथ तिवारी भी इस गोरखधंधे में शामिल थे और रोज़ाना दुकान से 50 हजार रुपये की अवैध वसूली करते थे।
नकली होलोग्राम लगाकर बेची जा रही थी शराब
शिलतरा डिपो से आने वाले नॉन-स्कैन माल पर नकली होलोग्राम लगाकर ग्राहकों को बेचा जा रहा था। इस पूरे खेल में ठेका कंपनी BIS, ट्रांसपोर्ट ठेका कंपनी और स्थानीय ADEO की सांठगांठ पाई गई है। आबकारी विभाग के अफसरों के सामने दिए बयान में शेखर ने इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया।
आरोपी पर दो FIR दर्ज
शेखर के खिलाफ आबकारी विभाग में मिलावटी शराब बेचने और पुलिस में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई है। राज्य में यह अब तक का दूसरा बड़ा शराब घोटाला माना जा रहा है। मामले के सामने आने के बाद ठेका कंपनी BIS की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध हो गई है।
जांच के घेरे में अफसर और कंपनियां
मामले की गंभीरता को देखते हुए आबकारी विभाग ने ठेका कंपनी, ट्रांसपोर्ट एजेंसी और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि जल्द ही कई और नामों का खुलासा हो सकता है।