
नायक नहीं खलनायक है/धरती के मसीहा/वाह डॉक्टर तै कर देहे कमाल…
मामला छेड़छाड़ का थाना में हुआ पंजीबद्ध
जिला उपमुख्यालय चांपा- अति संवेदनशील पेशा से जुड़े हुए धरती के भगवान और मसीहा कहे जाने वाले श्री कृष्णा हॉस्पिटल के डॉक्टर ने मरीज और डॉक्टर के नाजुक रिश्ते को एक बार फिर तार तार कर दिया है,यह पहला अवसर नहीं है जब ऐतिहासिक नगरी चांपा के डॉक्टर पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया हो, इसके पहले भी इसी चिकित्सालय के आसपास एक अन्य मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल से मामले सामने आ चुका हैं।
एक अन्य मामले में डॉक्टर ने महिला मरीज के तमाम दर्द परेशानी को हर लेने के बजाय चरित्र पर दाग लगाने का बहुत गंभीर आरोप लगाया जा चुका है,और एक बार फिर चांपा नगर के नवोदय मल्टी स्पेशलिटी श्री कृष्णा हॉस्पिटल पर ऐसा ही गंभीर आरोप एक फिजिशियन डॉक्टर पर महिला ने लगाकर सनसनी फैला दी है।
सर्व विदित है कि डॉक्टर और मरीज का रिश्ता अति संवेदनशील के साथ ही अद्वितीय विश्वास पर टिका होता है,जहां महिला मरीज डॉक्टर से यह उम्मीद कर जाता है कि डॉक्टर के द्वारा उसके तमाम दर्द एवं तकलीफ को हर लिया जाएगा, विशेष कर जब डॉक्टर के पास महिला पहुंचती है तो यह विश्वास और रिश्ता और भी अधिक संवेदनशील हो जाता है, और डॉक्टर को बहुत ही एहतियात बरतते हुए जांच पड़ताल सहित चेकअप करने की जरूरत होती है,और अधिकाश डॉक्टरों के द्वारा इसका अक्षरसा पालन किया जाता है,लेकिन डॉक्टरी पेशा से जुड़े हुए कुछ ऐसे भी अधर्मी राक्षस रूपी डॉक्टर तथाकथित रूप से पाए जाते हैं जो इलाज कराने के लिए पहुंचे हुए महिला मरीज के साथ छेड़छाड़ करने से बाज नहीं आते हैं,और ऐसा ही गंभीर मामला एक बार फिर गौरव पथ में संचालित श्री कृष्णा हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर के ऊपर एक महिला ने छेड़छाड़ का आरोप लगाकर पूरे नगर में सनसनी फैला दी है, यह खबर नगर में जंगल में लगे आंख की तरह फैलते ही कृष्णा अस्पताल परिसर में मरीज के परिजनो के अतिरिक्त जो सुना वही कथित डॉक्टर का खैर खबर लेने के लिए पहुंचा पर तब तक डॉक्टर फरार हो चुका था, मामला घटित होने के बाद महिला मरीज सहित परिजनों ने चांपा थाना में दस्तक देकर पूरी मामले की आप बीती बयान करते हुए घटना पर अपराध दर्ज कराया गया है,आगे इस संदर्भ में बताया जाता है कि आरोपी डॉक्टर जयप्रकाश देवांगन फरार चल रहा है, देखना होगा ऐसे असंवेदनशील आरोपी डॉक्टर को चांपा पुलिस के द्वारा कब तक गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।

कथित चिकित्सालयों को लेकर सुलगते कुछ सवालात….अक्सर यहां देखा जाता है डॉक्टर जब अपने मरीज को चेकअप के लिए बुलाते हैं तो विशेष कर महिला मरीज के साथ किसी को भी चेकअप रूम में आने के लिए मना किया जाता है, जबकि डॉक्टर का सहयोगी साथ होता है या फिर नहीं भी हो सकता,पर मरीज का सहयोगी साथ क्यों नहीं होता ?
ऐसा नहीं होना चाहिए मामला चाहे जो भी हो महिला मरीज के साथ उसके एक या एक से अधिक परिजनों को चेकअप रूम में जाने का अधिकार होना चाहिएकोई सहयोगी नहीं है ऐसी स्थिति में डॉक्टर को और कोई विकल्प की सलाह कर लेना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अनहोनी अथवा आरोप से बचा जा सके, पर अक्सर यह देखने में आता है डॉक्टर अथवा उनके सहायकों के द्वारा महिला मरीज के साथ किसी को भी चेकअप रूम में जाने के लिए साफ मना किया कर दिया जाता है, जो की एक डॉक्टरी पेसे पर सुलगते सवाल से काम नहीं आंका जाना चाहिए, इस तरह से छेड़छाड़ संबंधी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सकता है, डॉक्टरी व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को इस सुझाव पर अविलंब अमल करना चाहिए जिससे लगने वाले इल्जाम या बद नियति से बचा जा सकता हैं,और यदि किन्हीं कारणों से यह संभव नहीं है तो चेकअप रूम में एक ऐसा सीसीटीवी कैमरा उपलब्ध हो जो पारदर्शिता के साथ सुरक्षा के रूप में रिकॉर्डिंग का व्यवस्था सुनिश्चित होता रहे, ताकि वहां उपस्थित परिजनों को यह सीसीटीवी कैमरा देखना सरल सुलभ हो ऐसी स्थिति में किसी भी तरह के अनहोनी से बड़ी आसानी से बचा जा सकता है।