
हेलो भाई, क्या यही है जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र चांपा? आज हम बात करेंगे इस महत्वपूर्ण कार्यालय की, जो अब कबाड़ के डंपिंग यार्ड में तब्दील होता जा रहा है।
जिला उप मुख्यालय चांपा- प्रदेश के प्रत्येक जिले के अधीन व्यापार एवं उद्योग केंद्र बहुत मायने रखता है और यह जिला में संचालित अनेक कार्यालयों में एक इकाई के रूप में जाना जाता है यह सौभाग्य की बात है कि यह व्यापार एवं उद्योग केंद्र जिला उप मुख्यालय चांपा में संचालित हो रहा है जिसे अन्य को जिला मुख्यालय जांजगीर ले जाने के लिए तिकड़म लगाए जाने के बाद भी नगर का हिस्सा बना हुआ है।
इसके इतिहास पर तनिक नजर डालें तो इस कार्यालय मू कार्यरत कर्मचारीयों का अब तक जितने बार यहां से वहां ट्रांसफर नहीं हुआ होगा उससे कहीं अधिक बार इस कार्यालय का यहां से वहां स्थानांतरण हो चुका है और अब वर्तमान में यह कार्यालय चांपा थाना के निकट संचालित हो रहा है इसके पहले यह कार्यालय बस्ती के अंदर पुराना नगर पालिका में संचालित हो रहा था इसके बाद इसे स्थानांतरित कर नदी किनारे बैला भैंसा बाजार में शिफ्ट कर दिया गया था।
अब कुछ साल पहले इसे स्थानांतरित कर चांपा थाना के निकट संचालित किया जा रहा है, और यहां भी इस कार्यालय के हिस्से में एक नया किस्सा और कहानी जुड़कर यहां पहुंचने वाले जरूरतमंदों के मध्यचर्चा का विषय ही बन रहा है कहने का तात्पर्य यह है कि जहां यह कार्यालय संचालित हो रहा है इस कार्यालय को पहले निराला संस्कृतिक भवन के नाम पर चिन्हअंकित किया गया था।
लेकिन शासन प्रशासन के मध्य सही तालमेल नहीं होने के कारणों से अब इसे जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के नाम पर संचालित किया जा रहा है, पर यह कार्यालय देखने से किसी भी तरह से जिला स्तरीय महत्वपूर्ण कार्यालय का कोई इकाई लगता ही नहीं है कार्यालय के आसपास का जो माहौल देखने सुनने को मिल रहा है उससे तो यह अंदाजा होता है कि व्यापार एवं उद्योग केंद्र ना होकर किसी कबाड़ खाना का यह छोटा-मोटा कार्यालय यहां पर खोला गया है जान पड़ता है।
जिसके चलते उद्योग केंद्र कम कबाड़ खाना का डंपिंग यार्ड के रूप में इस कार्यालय का पहचान बन रहा है यहां बताते चले की इस कार्यालय के प्रवेश द्वार से लेकर सीढ़ी चढ़ने तक जो नजारा देखने को मिल रहा है वह हैरत में डाल देने के लिए काफी है, गौरतलब है कि कार्यालय में जितने अधिकारी कर्मचारी कार्यरत नहीं होंगे उससे कहीं अधिक वाहनों का जमावड़ा देखकर समझ ही नहीं आता कि यह कोई सरकारी कार्यालय है अथवा कंडम चार पहिया वाहनों का डंपिंग यार्ड वैसे तो इस कार्यालय के प्रवेश द्वार से लेकर अंदर तक यहां का नजारा ऐसे ही देखने को मिलता है।
और अब कार्यालय संचालित होने के बाद भी यहां का सीरत और सूरत ज्यादा कुछ बदला हुआ नहीं है, बल्कि पहले से कुछ अधिक गंदगी और अव्यवस्थाओं से भरा हुआ देखने को मिल रहा है,क्या जिला स्तरीय कोई कार्यालय इस तरह से संचालित किया जाता है।
यहां फैली हुई अव्यवस्था पर जिला प्रशासन को संज्ञान लेकर कार्यालय की तरह इसे आकार प्रकार देने से ही इस कार्यालय का हो खो रही पहचान को हासिल किया जा सकता है, अन्यथा लोग आते जाते तो यही पूछेंगे हेलो भाई क्या यही है चांपा नगर में संचालित व्यापार एवं उद्योग केंद्र?