
दिनांक 22 फरवरी 2025, धमतरी, छत्तीसगढ़ से एक अनोखी खबर आई है।
आज के परिवेश में, जहां अधिकतर लोग विवाह समारोह में वर-वधु को प्लास्टिक, फाइबर, और कांच से निर्मित वस्तुएं गिफ्ट देते हैं, कुम्हार समाज ने एक नई परंपरा की शुरुआत की है। यह परंपरा है नव विवाहित वर-वधु को पौधा भेंट करने की, जो पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से प्रेरित है।
धमतरी के विंध्यवासिनी वार्ड में, माँ विंध्यवासिनी सामुदायिक भवन में, शिवनारायण कुम्भकार की सुपुत्री गीतांजलि कुम्भकार का विवाह मनोहर कुम्भकार के सुपुत्र आशीष कुम्भकार के साथ हुआ। इस विशेष अवसर पर, कुम्हार समाज के पदाधिकारियों ने वर-वधु को बरगद का पौधा भेंट किया।
इसके बाद, वर-वधु ने संकल्प लिया कि वे इस पौधे को अपने परिवार के एक सदस्य की तरह देखभाल करेंगे और इसे विशालकाय वृक्ष बनाएंगे।
क्या पर्यावरण संरक्षण की यह नई पहल बदल सकती है विवाह समारोह की परंपरा? यह प्रश्न आज हर किसी के मन में है।
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