
⚠️ संपादक धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ किसान भाइयों, टोकन नहीं कटा तो अपनी जान जोखिम में न डालें!
जीवन अनमोल है — धान कल भी बिकेगा, लेकिन जिंदगी दोबारा नहीं मिलेगी….
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होने के साथ ही कई जगहों से टोकन की परेशानी, लंबी लाइनें और तकनीकी अव्यवस्था की खबरें सामने आ रही हैं। कई किसानों में निराशा और तनाव बढ़ रहा है। इसी बीच कुछ किसानों द्वारा आत्महत्या की कोशिश जैसी दर्दनाक खबरें भी आई हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं।
लेकिन किसान भाइयों के लिए सबसे महत्वपूर्ण संदेश:
टोकन आज नहीं मिल रहा तो कल मिल जाएगा, लेकिन जीवन दोबारा कभी नहीं मिलेगा।
🌾 प्रशासनिक अव्यवस्था आपकी गलती नहीं है:
सिस्टम की खराबी, ऐप की दिक्कतें और टोकन की समस्या किसान की नहीं, बल्कि प्रबंधन की नाकामी है।
इसलिए किसी भी किसान को अपनी जान लेने जैसी घातक और गलत कदम बिल्कुल नहीं उठाना चाहिए।
🌾 आपकी फसल भी सुरक्षित रहेगी — आपका अधिकार है:
सरकार और प्रशासन को धान खरीदी का प्रबंधन सुचारू रखना ही पड़ेगा।
टोकन देरी से मिले, स्लॉट आगे मिले — यह आपकी खेती और जीवन से बड़ा नहीं है।
🌾 क्या करें किसान?
घबराएँ नहीं, धैर्य रखें!
टोकन के लिए बार-बार ऐप चेक करें!
समिति के अधिकारियों से संपर्क बनाए रखें!
अपनी परेशानी स्थानीय जनप्रतिनिधि या मीडिया तक पहुँचाएँ!
भीड़ से दूर रहें, विवाद से बचें!
परिवार, गांव और साथियों से बात करें — तनाव कम होगा:
🌾 परिवार आपका इंतजार कर रहा है
एक टोकन, एक नंबर या एक तारीख आपकी जिंदगी से बड़ी नहीं हो सकती।
आपका परिवार, आपके बच्चे, आपका गांव — सबको आपकी जरूरत है।
🌾 किसान की जिंदगी अनमोल है — सबसे ऊपर है
धान खरीदी होती रहेगी,
लेकिन किसान का जीवन ही सबसे बड़ा धान है, वही सबसे बड़ी पूंजी है।
हमारी अपील है —
किसान अपनी समस्या प्रशासन तक पहुँचाएँ, लेकिन अपनी जिंदगी को कभी भी खतरे में न डालें।











