
संपादक धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ किसान के साथ खेत मालिक ने किया छलावा – 10 साल के अनुबंध में 3 साल में ही सब फिस्स!
हथबंद/सिमगा। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। ग्राम मोहभट्टा में एक किसान ने आरोप लगाया है कि खेत मालिकों ने उसके साथ न केवल छल किया, बल्कि शोषण, धमकी और अत्याचार तक किए।
किसान ने बताया कि उसने 10 साल के अनुबंध में काम शुरू किया था, लेकिन सिर्फ 3 साल में ही पूरा खेल पलट गया और उसकी जिंदगी में तूफान आ गया।
बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया—70 एकड़ में पसीना बहाया
पीड़ित किसान ने अपने बयान में कहा कि मोहभट्टा में रायपुर निवासी सुभाष सरकार से किए गए अनुबंध के बाद उसने 70 एकड़ भूमि पर खेती शुरू की।
35 एकड़ एक भूमि मालिक से!
35 एकड़ दूसरे भूमि मालिक से!
किसान के मुताबिक, ज़मीन पूरी तरह बंजर थी। उसने रात–दिन मेहनत कर उसे उपजाऊ बनाया, फसल बोई, दवाई–खाद डाली, पानी–बिजली की व्यवस्था की और दो साल की कड़ी मशक्कत के बाद जमीन में जान डाल दी।
किसान ने शासन की योजनाओं के तहत फसल बीमा का लाभ लेते हुए कृषि कार्य को आगे बढ़ाया।
अचानक आई ‘तूफान’ जैसी घटना – घर में घुसकर मारपीट, धमकी और जबरन कब्जा
किसान के अनुसार, जमीन मालिकों को किसी दूसरे किसान से लालचपूर्ण प्रस्ताव मिला। इसके बाद कथित मालिकों ने अचानक रुख बदल दिया।
किसान का दावा है कि—
लगभग 15 लोगों के साथ घर में घुसकर हमला किया गया/ सामान बाहर फेंक दिया गया/ जान से मारने की धमकी दी गई/ फार्म हाउस में ताला लगाकर पूरे परिवार को कैद किया गया/ ऐसा कदम उठाकर उन्हें जबरन फार्म से बाहर निकालने की कोशिश की गई।
दमा से पीड़ित पत्नी की हालत बिगड़ी, 102 की मदद से बची जान:
परिवार को कमरे में बंद कर दिया गया था। किसान की पत्नी को दमा का अटैक आया।
दरवाजा खोलने पर पता चला कि बाहर से ताला जड़ा था।
थाने में कॉल करने पर कोई कार्रवाई न होने पर परिवार ने 102 एम्बुलेंस को फोन किया। एम्बुलेंस टीम और पुलिस की मदद से दरवाजा खुलवाया गया और पत्नी को अस्पताल ले जाया गया।
थाने से लेकर राज्यपाल तक आवेदन—न्याय अब भी दूर: किसान ने बताया कि 2023 से लेकर आज तक वह लगातार–थाना, पटवारी, तहसीलदार, कलेक्टर, मंत्री, मुख्यमंत्री, मानव सेवा आयोग, राज्यपाल सभी के पास आवेदन दे चुका है। फिर भी कागज़ों में और ज़मीनी हकीकत में बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है। किसान आज भी न्याय के लिए भटक रहा है।
अगले अंक में खुलेंगे और राज:
किसान के लगाए गए आरोप, ज़मीन मालिकों के पक्ष और अधिकारियों के बयान के आधार पर अगली रिपोर्ट में और खुलासे प्रकाशित किए जाएंगे।











