
संपादक धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ लावर मारपीट काण्ड: बर्खास्त सरपंच, पूर्व सरपंच और पंच फरार… दबिश की खबर कैसे लीक? पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
बलौदाबाज़ार/हथबंद। ग्राम पंचायत लावर में हुई मारपीट की घटना एक बार फिर सुर्खियों में है। मामले में नामजद तीन आरोपी—बर्खास्त सरपंच योगेश नेताम, उनकी पत्नी एवं पूर्व सरपंच रूपा नेताम, तथा पंच लक्ष्मी नेताम—पिछले कई दिनों से पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। आरोपियों को पकड़ने हथबंद थाना पुलिस की दबिश की सूचना उनके पास पहले ही कैसे पहुंच गई, यह सवाल ग्रामीणों और पीड़ितों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
चार महीने पुराना मामला, लेकिन कार्रवाई में ढील:
सूत्रों के अनुसार, लगभग चार महीने पहले लावर निवासी महिला राधिका भट्टरी के साथ मारपीट का मामला दर्ज हुआ था। उस समय पुलिस कार्रवाई अपेक्षाकृत धीमी रही, जिससे आरोपी खुले घूमते रहे। घटना से जुड़ी दूसरी पीड़िता चंद्रिका भट्टरी भी लंबे समय से न्याय की मांग कर रही थी।
हाल ही में दोनों पीड़िताएं एसपी भावना गुप्ता से मिलीं और कार्रवाई न होने की शिकायत दर्ज कराई। एसपी ने तुरंत थाना प्रभारी को कदम उठाने के निर्देश दिए।
दबिश से पहले ही आरोपी लापता—बड़ा सवाल?
एसपी के निर्देश के बाद हथबंद पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए दबिश तो दी, लेकिन तीनों आरोपी अपने घरों से पहले ही फरार हो चुके थे। यह स्थिति पुलिस की सूचना प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
ग्रामीणों का कहना है कि—
“यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई करती और जानकारी बाहर न निकलती, तो आज आरोपी पुलिस के सामने होते।”
लगभग एक सप्ताह से पुलिस की खोज जारी है, परंतु कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।
पुलिस ने क्या कहा?
थाना प्रभारी कैलाशचंद का कहना है—
“आरोपियों की तलाश लगातार जारी है। पुलिस टीमें सक्रिय हैं और जल्द ही तीनों फरार आरोपी गिरफ्त में होंगे।”
हालांकि लगातार नाकामी से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्या मिलेगी जल्द गिरफ्तारी?
इस पूरे प्रकरण ने स्थानीय प्रशासन पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। ग्रामीणों और पीड़ितों का मानना है कि यदि कार्रवाई समय पर और सख्ती से नहीं हुई, तो ऐसे मामलों में आरोपी पकड़ से बाहर ही रहेंगे।
फिलहाल, सभी की निगाहें पुलिस पर टिकी हैं कि वह कब तक इस मामले में सफलता प्राप्त करती है और क्या मुख्य आरोपी कानून के दायरे में आ पाएंगे।











