
संपादक धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ खूबचंद बघेल चौक, तिल्दा की जर्जर हालत—शासन कब लेगा सुध?
स्थानीय नागरिकों में आक्रोश, कई बार की मांग के बावजूद नहीं हुई मरम्मत**
तिल्दा नेवरा।
छत्तीसगढ़ के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी खूबचंद बघेल जिनका नाम प्रदेश के इतिहास में सम्मान के साथ लिया जाता है, उनके नाम पर स्थापित खूबचंद बघेल चौक (तिल्दा) की स्थिति आज बेहद दयनीय हो चुकी है। वर्षों की उपेक्षा और मरम्मत की कमी के चलते चौक की हालत जर्जर है, जिससे स्थानीय नागरिकों में नाराज़गी का माहौल है।

इतिहास और सम्मान पर उठ रहे सवाल:
खूबचंद बघेल स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे हैं। ऐसे महापुरुषों के नाम पर बने स्थल का इस कदर उपेक्षित होना न केवल दुखद है बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण पर भी गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।
निवासियों की मांग: चौक का तत्काल सौंदर्यीकरण हो:
स्थानीय नागरिकों एवं सामाजिक संगठनों ने कई बार शासन और प्रशासन से चौक की मरम्मत, सौंदर्यीकरण तथा संरक्षा की मांग की है।
लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
निवासियों का कहना है कि चौक की वर्तमान हालत देखकर लगता नहीं कि यह किसी महान स्वतंत्रता सेनानी के सम्मान में बनाया गया स्थल है।

तुलना नहीं, सम्मान की मांग:
यह भी स्पष्ट किया जा रहा है कि किसी भी अन्य महापुरुष से तुलना करना उद्देश्य नहीं है।
क्योंकि तुलना से अनावश्यक विवाद पैदा हो सकते हैं।
मुद्दा केवल इतना है कि खूबचंद बघेल के नाम और सम्मान की मर्यादा बनी रहे, और चौक का विकास उनके योगदान के अनुरूप हो।
नागरिकों की उम्मीद:
स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ शासन इस महत्वपूर्ण स्थल की स्थिति पर जल्द ध्यान देगा और चौक का पुनर्निर्माण, मरम्मत और सौंदर्यीकरण कर इसे सम्मानजनक स्वरूप प्रदान करेगा।











