
संवाददाता धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ तिल्दा-नेवरा में बड़े पत्रकारों के संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध सट्टा का कारोबार!
क्या प्रशासन जागेगा या फिर एक और खबर दबा दी जाएगी…?
तिल्दा-नेवरा।
शांत और सादगीपूर्ण माने जाने वाले तिल्दा-नेवरा के कोने-कोने में सट्टे का खेल जोरों पर चल रहा है। खुलेआम चल रहे इस अवैध कारोबार ने स्थानीय जनता में आक्रोश फैला दिया है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस गैरकानूनी सट्टा नेटवर्क को कुछ बड़े पत्रकारों का संरक्षण मिलने की बात सामने आ रही है। सूत्र बताते हैं कि कुछ तथाकथित पत्रकार इस अवैध कारोबार को न केवल छिपा रहे हैं, बल्कि इसे बचाने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग भी कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन को इन सट्टेबाज़ों की जानकारी भलीभांति है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ चुप्पी है। सट्टा का यह खेल तिल्दा-नेवरा के कई हिस्सों में फैला हुआ है — छोटे-छोटे ठिकानों से लेकर गली-मोहल्लों तक इसकी जड़ें गहराई तक पहुँच चुकी हैं।
अब बड़ा सवाल यह है कि —
क्या शासन-प्रशासन इन प्रभावशाली लोगों के खिलाफ हिम्मत दिखाएगा?
क्या कानून के रखवाले अब भी खामोश रहेंगे या खबर के प्रकाशन के बाद कोई ठोस कदम उठेगा?
जनता अब जवाब चाहती है…
क्योंकि जब पत्रकारिता ही संरक्षण देने लगे, तो अपराधी बेखौफ हो जाते हैं।
अब देखना यह होगा कि इस खबर के सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आता है या तिल्दा-नेवरा में सट्टे का साम्राज्य यूं ही फलता-फूलता रहेगा…










