
अल्ट्राटेक सीमेंट बैकुंठ में हड़ताल – मजदूरों और प्रबंधन आमने-सामने, पुलिस बल तैनात
तिल्दा-नेवरा।
अल्ट्राटेक सीमेंट बैकुंठ संयंत्र में अपनी मांगों को लेकर मजदूरों ने हड़ताल शुरू कर दी है। मंगलवार सुबह मजदूरों और HR विभाग के अधिकारियों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि स्थिति झूमाझटकी तक पहुंच गई। मजदूरों का आरोप है कि प्रबंधन के अधिकारियों ने उनके साथ गाली-गलौज की, जिससे आक्रोशित होकर वे संयंत्र के गेट पर धरने पर बैठ गए। वहीं रात पाली में ड्यूटी करने वाले मजदूरों ने भी संयंत्र के भीतर काम बंद कर विरोध दर्ज कराया।
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। मौके पर तिल्दा एसडीएम समेत प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं, लेकिन अब तक किसी अधिकारी ने मजदूरों से वार्ता नहीं की है। मजदूरों का साफ कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।

मजदूरों की मुख्य मांगें:
हाल ही में निकाले गए 150 ठेका मजदूरों की पुनः बहाली।
बोनस की पूरी राशि का भुगतान।
प्रबंधन द्वारा की जा रही धमकियों और गाली-गलौज पर रोक।
मजदूरों का कहना है कि संयंत्र ने उनके खातों में बोनस की आधी राशि तो जमा कर दी, लेकिन निकाले गए मजदूरों को वापस रखने के बजाय बाहर से नए श्रमिकों को लाया जा रहा है। इससे गुस्साए मजदूर नेताओं ने विरोध दर्ज कराया, जिस पर प्रबंधन ने उन्हें धमकाने और नौकरी से निकालने तक की बात कही।
यूनियन का आरोप:
छत्तीसगढ़ सीमेंट खदान यूनियन संघ के अध्यक्ष नरेंद्र यादव ने कहा कि प्रबंधन मजदूरों को ना तो बोनस दे रहा है और ना ही बुनियादी सुविधाएं। मांग करने पर प्रबंधन की ओर से लगातार धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा, “जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी, हम धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे।”
प्रबंधन का पक्ष:
संयंत्र प्रबंधन का कहना है कि मजदूरों के आरोप निराधार हैं और उन्हें सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। हालांकि प्रबंधन के अधिकारी कैमरे के सामने आने से बचते रहे।

राजनीतिक समर्थन:
हड़ताल पर बैठे मजदूरों को कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी और जिला पंचायत सदस्य शैल साहू के पति महेंद्र साहू का समर्थन मिला है। नेताओं ने मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय का खुलकर विरोध करने की घोषणा की।
वर्तमान में अल्ट्राटेक सीमेंट बैकुंठ का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है और मजदूरों ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।