
✍️संवाददाता हरिराम देवांगन/ 🐄 NH-49 पर मंडराता खतरा! प्रशासन की अनदेखी से आवारा पशु बने सड़क हादसों का कारण
📍 जिला उप मुख्यालय चांपा:
चांपा-अकलतरा मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग 49 पर आवारा एवं घुमंतू पशुओं की भरमार अब गंभीर खतरे का रूप ले चुकी है। राज्य सरकार द्वारा बार-बार आदेश और योजनाएं लागू करने के बावजूद जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण राहगीर रोजाना हादसों के खतरे से जूझ रहे हैं।
🚨 दोहरा खतरा – इंसान और बेजुबान दोनों पर संकट:
सड़क पर बैठे आवारा पशु खुद भी हादसों का शिकार हो रहे हैं और साथ ही राहगीरों की जान के लिए भी बड़ा खतरा बन रहे हैं।

शासन द्वारा रोका-छेका अभियान, गोबर खरीदी योजना जैसी योजनाओं के जरिए पशुओं को नियंत्रित करने की कोशिश की गई थी, लेकिन यह अभियान धराशाई होकर कागजों तक ही सिमट गया।
📍 अकलतरा के निकट खतरनाक मोड़ पर सबसे बड़ा खतरा: अकलतरा चौक में बजरंगबली मंदिर के पास और नहर किनारे शाम ढलते ही सैकड़ों की तादाद में पशुओं का जमावड़ा लगता है।
यहां पर विभाग ने “⚠️ खतरनाक मोड़” का बोर्ड तो लगाया है, लेकिन ठीक इसी जगह पर 24 घंटे आवारा पशुओं का डेरा रहता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ना तो जिला प्रशासन और ना ही पालिका ने कभी इस समस्या का समाधान खोजने की कोशिश की है।
🏛 आदेश पर भी नहीं हरकत: राज्य सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्गों और प्रमुख मार्गों से आवारा पशुओं को हटाने का उच्च स्तरीय आदेश जारी किया था। लेकिन जिला प्रशासन अब तक कान में तेल डाले बैठा है।
🙏 चैनल की अपील:
चूंकि प्रशासन लापरवाह है, ऐसे में हमारी राहगीरों से अपील है कि वे NH-49 पर यात्रा करते समय सावधानी और संतुलन बनाए रखें।
🚗 वाहन की स्पीड नियंत्रित रखें!
🐄 पशुओं से टकराव से बचें!
🤝 अपने साथ-साथ बेजुबान पशुओं की भी सुरक्षा सुनिश्चित करें!
📢 सवाल उठता है:
👉 जब सरकार योजनाएं चला रही है और आदेश जारी कर रही है, तो आखिर जिला प्रशासन इन्हें नजरअंदाज क्यों कर रहा है❓
👉 क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही जिम्मेदार अधिकारी हरकत में आएंगे❓