
संवाददाता धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ भूमि विवाद से आत्महत्या तक: आदिवासी परिवार की शिकायत पर विनोद अग्रवाल सहित 6 की ज़मानत याचिका खारिज
बिलासपुर। पहाड़ी कोरवा जनजाति से संबंधित दिवंगत भैराराम की आत्महत्या के मामले में नामजद छह आरोपियों की अग्रिम/नियमित ज़मानत याचिकाएँ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज कर दीं। यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार जायसवाल की एकल पीठ ने सुनाया।
मामले में जुबारो बाई की पुश्तैनी ज़मीन को कथित तौर पर धोखाधड़ी से हड़पने और मृतक भैराराम को लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। भैराराम ने 21–22 अप्रैल की रात आत्महत्या कर ली थी।
आरोपियों में विनोद अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल, दिलीप टिग्गा, चतुरगुण यादव, राजेंद्र मिंज और धरमपाल कौशिक शामिल हैं। सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108, 3(5) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(v) के तहत मामला दर्ज है।
राज्य की ओर से उपसरकार अधिवक्ता सुनीता मणिकपुरी ने ज़मानत का विरोध करते हुए दलील दी कि जांच अभी जारी है और आरोप गंभीर हैं। अदालत ने यह मानते हुए कि आरोपियों की भूमिका प्रथम दृष्टया स्पष्ट है, सभी ज़मानत याचिकाएँ खारिज कर दीं।
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