
संवाददाता हरिराम देवांगन/ कोसा-कांसा-कंचन की ऐतिहासिक जगन्नाथ रथ यात्रा उत्साह के साथ संपन्न
जिला मुख्यालय चांपा सहित प्रदेश के ऐतिहासिक नगरों की श्रृंखला में कोसा-कांसा-कंचन की नगरी की जगन्नाथ रथ यात्रा इस वर्ष भी अत्यंत सौहार्दपूर्ण वातावरण और खुशनुमा मौसम के बीच संपन्न हुई। नगर के प्रमुख चौक-चौराहों से होकर गुज़री इस यात्रा में श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाब उमड़ पड़ा। भक्तगण परंपरा अनुसार महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के रथ को धक्का देकर आगे बढ़ाते हुए अपार श्रद्धा और आस्था के भाव में लीन दिखाई दिए।

नगर में जगन्नाथ मंदिरों की एक श्रृंखला सदियों से जनआस्था का केंद्र रही है। इनमें पाढ़ी घाट स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर विशेष रूप से उल्लेखनीय है। हर वर्ष यहीं से महाप्रभु श्री जगन्नाथ (श्रीकृष्ण), बड़े भाई बलभद्र (बलराम) और बहन सुभद्रा की काष्ठ निर्मित प्रतिमाओं को भव्य रथ में सुशोभित कर यात्रा का शुभारंभ किया जाता है। इस बार भी रथ नगर के प्रमुख मार्गों और चौराहों से होते हुए अपनी परंपरागत यात्रा पूरी कर लौट आया। भक्तगण रथ को अपने हाथों से खींचने और आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित और लालायित दिखे।
मौसम ने दिया भरपूर साथ
जहां पिछले कई वर्षों से रथ यात्रा के दौरान शुष्क मौसम ही देखने को मिलता रहा, इस बार वातावरण अपेक्षाकृत सुखद और ठंडक भरा रहा। कुछ दशक पहले तक रथ यात्रा के दिन झमाझम बारिश और सावन जैसी हरियाली का दृश्य आम था, मगर पर्यावरणीय बदलावों के चलते अब ऐसा कम ही होता है। बावजूद इसके, बारिश न होने से श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। छोटे-बड़े, बुजुर्ग और महिलाएं सभी बड़ी संख्या में आस्था और विश्वास के साथ इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बने।

नगरवासियों के लिए यह यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनी रही।