
संवाददाता धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ दिन-रात महिलाओं से करवाई जा रही कोयला ढुलाई, बदसलूकी और शोषण का बना अड्डा
वर्षभर लाखों का कोयला हो रहा चोरी, हादसे और आर्थिक नुकसान की आशंका
छिंदवाड़ा/ कोयलांचल के नाम से प्रसिद्ध छिंदवाड़ा जिले के परासिया और जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्रों में संचालित खदानों से राज्य को भारी राजस्व प्राप्त होता है। यह क्षेत्र जिले का प्रमुख आर्थिक स्रोत है। सरकार घाटे के बावजूद इन खदानों का संचालन जारी रखती है, लेकिन इसके बावजूद यहां अवैध कोयला खनन और चोरी एक गंभीर समस्या बन चुका है।
महिलाओं से करवाई जा रही जबरन मजदूरी
दमुआ और आसपास के क्षेत्रों में रात-दिन महिलाओं से बोरियों में कोयला ढुलवाया जा रहा है। न केवल उन्हें न्यूनतम भुगतान दिया जा रहा है, बल्कि बदसलूकी और शोषण भी झेलना पड़ रहा है। कोल माफिया महिलाओं से दिनभर कोयला इकट्ठा कराता है और फिर इन बोरियों को ट्रकों में भरकर बाहर भेज दिया जाता है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि महिलाओं से जबरन काम कराया जाता है और उन्हें बेहद कम पैसे दिए जाते हैं। कई बार शारीरिक और मानसिक शोषण की घटनाएं भी सामने आती हैं, लेकिन डर के कारण कोई खुलकर शिकायत नहीं कर पाता।
सुरक्षा के बावजूद बेधड़क चोरी
कोल इंडिया ने कोयला चोरी रोकने के लिए सीआईएसएफ की टीम तैनात की है, लेकिन चोरी पर कोई रोक नहीं लग पाई है। खदानों से कोयला मोहरे, अतिरिक्त मोहरे या वैगनों के जरिये चोरी से बाहर भेजा जा रहा है। सुरक्षा में लगे लोग या तो आंख मूंद लेते हैं या मिलीभगत में शामिल हैं।
अवैध उत्खनन से बढ़ता खतरा
परासिया और दमुआ में रात के समय बंद खदानों में अवैध उत्खनन किया जाता है। बिना सुरक्षा के खदानों में घुसकर कोयला निकाला जाता है जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं लेकिन कोई सबक नहीं लिया गया।
प्रशासन मौन, माफिया सक्रिय
स्थानीय प्रशासन और कोल इंडिया के अधिकारियों को इन गतिविधियों की जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस अवैध व्यापार पर सख्ती से रोक लगाई जाए। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो क्षेत्र में कानून व्यवस्था और अधिक बिगड़ सकती है।
कलेक्टर से अपेक्षा
जिला कलेक्टर को इन मामलों में त्वरित संज्ञान लेना चाहिए ताकि अवैध धंधे पर रोक लगे और महिलाओं को हो रहे शोषण से मुक्ति मिले। साथ ही सीआईएसएफ को भी रात्रि पेट्रोलिंग और निगरानी को सख्त बनाना चाहिए ताकि कोयला चोरी पर अंकुश लगाया जा सके।