
संवाददाता राजू पाल/ हथबंद में बेदखली की कार्रवाई का विरोध, सैकड़ों ग्रामीणों ने जताया आक्रोश
हथबंद (जिला.बलौदा बाजार.)। ग्राम पंचायत हथबंद में मंगलवार को उस समय विवाद की स्थिति बन गई, जब तहसील प्रशासन के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम एक दुकान को हटाने पहुंची। कब्जा हटाने की कार्रवाई का ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने जमकर विरोध किया।
मामला वर्ष 2022 से जुड़ा है, जब ग्राम पंचायत हथबंद की ग्राम सभा में दिलीप चतुरे को लघु व्यवसाय हेतु टीन शेड में अस्थाई दुकान खोलने की अनुमति सर्वसम्मति से दी गई थी। तब से चतुरे परिवार अपनी जीविका के लिए उस दुकान का संचालन कर रहा था।
मंगलवार को जब राजस्व अमला दुकान हटाने पहुंचा, तो ग्रामीणों में आक्रोश फूट पड़ा। उपस्थित पटवारी एमडी कोसले ने बताया कि वे वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर मौके पर पहुंचे हैं, परंतु न ही आवेदक अश्विनी शुक्ला और न ही अनावेदक दिलीप चतुरे मौके पर उपस्थित थे।
विरोध कर रहे सरपंच प्रतिनिधि नरेश अनंत और पंचों ने कहा कि 2022 की ग्राम सभा में अनुमति दी गई थी, ऐसे में तीन वर्ष बाद दुकान हटाना अनुचित है। ग्रामीण ईश्वर प्रसाद निषाद ने आरोप लगाया कि दुकान के पीछे की जमीन अश्विनी शुक्ला की है, जो व्यक्तिगत स्वार्थवश अधिकारियों को भ्रमित कर कार्रवाई करा रहे हैं।
मौके पर पंचायत सचिव कमल किशोर, मालजमादार त्रिवेणी ध्रुव, भगवान दास, कोटवार बुधराम देवदास सहित अनेक पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण उपस्थित थे। पंचों में मूलचंद टंडन, संतराम ध्रुव, विजय निषाद, भारत चतुरे, डागेश्वर बघेल, गोरेलाल महिलांगे, समीर अनंत, शिवा तुरकाने आदि लोगों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि यह फैसला जन भावनाओं के विपरीत है।