
ब्यूरो चीफ हरिराम देवांगन/ श्मशान घाट बना जानलेवा स्थल, जिम्मेदार बेपरवाह — चांपा नगर निकाय की घोर लापरवाही उजागर
श्रद्धांजलि देने आए परिजनों पर मंडराता खतरा, कभी भी गिर सकता है जर्जर शेड
चांपा (जांजगीर-चांपा)। हसदेव नदी किनारे स्थित सार्वजनिक मुक्तिधाम में बना शेड अब श्रद्धांजलि देने आने वालों के लिए खतरे की घंटी बन चुका है। लगभग 15-20 साल पुराना यह लोहे का शेड अब इतनी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है कि कभी भी गंभीर दुर्घटना घट सकती है। इसके बावजूद स्थानीय नगर निकाय और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि आंख मूंदे बैठे हैं।
बिना सुविधा, बिना सुरक्षा — यह है चांपा का अंतिम पड़ाव
यह मुक्तिधाम न सिर्फ सुविधाओं से वंचित है, बल्कि यहां की अव्यवस्था और उपेक्षा साफ झलकती है। चारों ओर वीरानी और उजाड़ माहौल, न पानी, न शौचालय, न छांव — केवल नाम मात्र की व्यवस्था है। शेड के नीचे खड़े होकर किसी प्रियजन को अंतिम विदाई देना, अब खतरे से खेलने जैसा बन चुका है।
प्रशासनिक उपेक्षा और भ्रष्टाचार के साये में अंतिम संस्कार स्थल
नगर में सड़कों और नालियों को अनावश्यक रूप से तोड़ने और निर्माण कार्यों में लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन इस अंतिम पड़ाव की ओर किसी का ध्यान नहीं। यह वही स्थान है जहां नगर के हर तबके का व्यक्ति अंतिम बार पहुंचता है — लेकिन यहां की हालत देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि मानो मृत्यु के बाद भी अपमान का सिलसिला जारी है।
कभी भी हो सकती है दुर्घटना — कौन होगा जिम्मेदार?
इस शेड के नीचे प्रतिदिन अंतिम संस्कार की प्रक्रिया संपन्न होती है। लोहे का बना यह ढांचा गर्मी और समय की मार से धीरे-धीरे कमजोर हो चुका है। किसी दिन यह गिरा तो जान-माल की हानि होना तय है। क्या तब जागेगा प्रशासन?
“जनहित में अपील”
‘जय जोहार सीजी न्यूज़’ प्रशासन और स्थानीय निकाय से अपील करता है कि तत्काल इस शेड की मरम्मत की जाए या नया निर्माण कराया जाए। साथ ही हम आम नागरिकों से निवेदन करते हैं कि जब तक यह मरम्मत न हो जाए, शेड के नीचे खड़ा होने से बचें और सतर्कता बरतें।











