
संवाददाता धीरेंद्र जायसवाल
कुम्हार जाति को छूट की आड़ में चल रहा लाल ईंट का अवैध कारोबार, जो कई अन्य वर्गों द्वारा भी संचालित हो रहा है।
तिल्दा नेवरा- लाल ईंट बनाने और शासकीय कार्यों में इनका उपयोग करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। फ्लाई ऐश ईंटों का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन कुम्हार जाति इसका फायदा उठाकर लाखों ईंटों का संग्रहण कर ग्राहकों को बेच रहे हैं।
यहां यह बताना जरूरी है कि केन्द्र सरकार ने लाल ईंटों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। कुम्हार जाति को केवल 50 हजार ईंट बनाने की अनुमति है, लेकिन इस अनुमति का हवाला देकर अन्य कई वर्गों के द्वारा भी अवैध ईंटभट्ठा का संचालन किया जा रहा है। इस छूट का गलत इस्तेमाल कर लाखों ईंटें बनाकर बेची जा रही हैं।

तिल्दा नेवरा जनपद पंचायत क्षेत्र में कई ग्राम पंचायतों में अवैध ईंटभट्ठे संचालित हो रहे हैं। ईंटभट्ठे से निकलने वाले धुएं और राख से राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी में सड़कों के किनारे बने इन भट्ठों से निकलने वाली तपती आग और उड़ता धुआं मुसीबत बन जाता है।
खनिज, राजस्व और पर्यावरण विभाग को जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे ईंटभट्ठा संचालकों का हौसला और बढ़ गया है। राहगीरों से बातचीत करने पर कुम्हार जाति की छूट का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
कुम्हार जाति को केवल मिट्टी से बने सामान बनाने की छूट है, जैसे गमला, मटकियां और खपरैल। लेकिन लाखों ईंटें बनाकर ये व्यवसाय कर रहे हैं।
क्या यह सही है कि कुम्हार जाति की आड़ में और कई अन्य वर्गों के द्वारा लाल ईंट का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है?
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