
✍️ ब्यूरो चीफ – हरि देवांगन/ क्या मशीन से जन्म लेंगे बच्चे?
जापान में कृत्रिम गर्भाधान पर बड़ा प्रयोग, चिकित्सा जगत में हलचल
जिला उप मुख्यालय चांपा:
जापान में विज्ञान और तकनीक ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। वहां चिकित्सा जगत में कृत्रिम गर्भाधान यानी मशीनी गर्भाशय को लेकर बड़े पैमाने पर प्रयोग हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस तकनीक से भविष्य में बच्चे का जन्म पूरी तरह मशीन की मदद से संभव हो सकेगा।
दरअसल, आईवीएफ तकनीक (In-Vitro Fertilization) के जरिए भ्रूण तैयार किया जाता है। फिर उसे एक विशेष रूप से डिजाइन किए गए कृत्रिम गर्भ मशीन में रखा जाता है। यह मशीन भ्रूण को पोषक तत्व, ऑक्सीजन और आवश्यक हार्मोन उपलब्ध कराते हुए प्राकृतिक गर्भ जैसा ही वातावरण देती है। पारदर्शी कांच जैसे उपकरण में भ्रूण के विकास को लगातार मॉनिटर किया जाता है। अंत में जब भ्रूण पूरी तरह विकसित हो जाता है, तो शिशु का जन्म सिजेरियन प्रक्रिया जैसी प्रणाली से कराया जाता है।
हालांकि, यह तकनीक अभी जापान में प्रयोगात्मक स्तर पर है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर यह सफल रही तो उन दंपतियों के लिए आशा की किरण बन सकती है, जो प्राकृतिक रूप से संतान प्राप्ति में सक्षम नहीं हैं या गर्भावस्था के दौरान गंभीर जटिलताओं से जूझते हैं।
लेकिन इसके साथ कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं—
क्या कृत्रिम गर्भ से जन्म लेने वाला बच्चा शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होगा?
क्या यह तकनीक भविष्य में मानव जीवन को मशीन पर अधिक निर्भर बना देगी?
और सबसे बड़ा प्रश्न—क्या समाज इस बदलाव को स्वीकार करेगा?
फिलहाल जापान का यह प्रयोग चिकित्सा विज्ञान में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। लेकिन इसके परिणाम और दुष्परिणाम क्या होंगे, इसका जवाब भविष्य के गर्भ में ही छुपा है।