
संवाददाता धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ महाद्वीपों के पार पथ प्रशस्त करना: आकाश सत्पथी की झारखंड से वैश्विक शैक्षणिक उत्कृष्टता तक की यात्रा
नई दिल्ली, 23 मई —
झारखंड के सिंहभूम जिले के एक प्रतिभावान युवक आकाश सत्पथी ने वैश्विक शिक्षा जगत में एक मिसाल कायम की है। आकाश ने 16 मई 2025 को अमेरिका के प्रतिष्ठित एरिज़ोना विश्वविद्यालय से खगोल विज्ञान और डेटा विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, और इसके साथ ही उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मास्टर्स की उपाधि भी अर्जित की।
स्नातक के दौरान आकाश अमेरिका के प्रतिष्ठित नियो-वाइज प्रोजेक्ट से जुड़े रहे, जिसका उद्देश्य संभावित उल्कापिंड टकराव से पृथ्वी की रक्षा करना है। विश्वविद्यालय जीवन में वह एक होनहार वाद-विवादकर्ता, समाजसेवी और नेतृत्वकर्ता के रूप में भी पहचाने गए। उन्होंने गरीब देशों के छात्रों के लिए इफेक्टिव अल्ट्रूइज्म (प्रभावी परोपकार) आंदोलन का नेतृत्व किया।

आकाश, उत्तर पूर्व रेलवे गोरखपुर के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक अनूप सत्पथी (आईआरटीएस) और पारिजात सत्पथी के पुत्र हैं। उनका पालन-पोषण एक धार्मिक और शाकाहारी ओडिया परिवार में हुआ, जिसने उन्हें सादगी, संवेदनशीलता और उदार दृष्टिकोण सिखाया।
नागपुर में स्कूली शिक्षा प्राप्त करने वाले आकाश ने SAT परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर भारी वित्तीय सहायता के साथ एरिज़ोना विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। विज्ञान के साथ-साथ उनकी रुचि खेल, साइकिलिंग, यात्रा, वाचन और वाद-विवाद में भी रही है।
उनकी प्रेरणा से उनकी बहन ने भी देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल से शिक्षा प्राप्त कर उत्कृष्टता की राह पर कदम बढ़ाया। आकाश की यह यात्रा यह दर्शाती है कि यदि दृढ़ संकल्प और लगन हो, तो झारखंड जैसे क्षेत्र से निकलकर भी युवा वैश्विक क्षितिज तक पहुँच सकते हैं।