
भारी अस्वक्षता के बीच बेची जा रही है मांस मछलियां,,, प्रशासनिक उदासीनता से उड़ रही नियमों की धज्जियां
भारी प्रदूषण और गंदगी के मध्य मांस मछली की हो रही बिक्री
जिला उप मुख्यालय चांपा,,,, क्या सार्वजनिक स्थानों पर खुले में मांस मछली बिक्री को लेकर कोई नियम और कानून का पालन करना होता है,तो जी हां यहां पर बताते चलें कि सार्वजनिक स्थानों पर या फिर खुले में प्रदर्शित कर मांस मछली बिक्री को प्रतिबंधित किया गया है लेकिन जांजगीर-चांपा जिले के तमाम स्थानों पर इस पर कहीं कोई नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, बल्कि चौक चौराहा में तो क्या बल्कि राष्ट्रीय राजमार्ग 49 में सरे आम नियमों की धज्जियां उड़ाकर भारी प्रदूषण और अस्वच्छता के बीच आम रूप से मांस मछली बिक्री की जा रही है,,,।
यू तो सालों पहले से ही खुले जगहों पर मांस मछली बिक्री को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन जिले क्षेत्र के अनगिनत स्थानो में खुले में सरेआम मांस बिक्री की जा रही है,वही इस पर बने हुए सारे नियम कानूनों कि जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है, यह बात केवल आज की नहीं है बल्कि सालों से ऐसा चल रहा है,जिस पर प्रशासन में बैठे हुए उच्च अधिकारियों के द्वारा अज्ञात कारणों से स्वीकृति मिल रही है, जिससे बेखौफ होकर खुले स्थानों पर मांस मछली बेचने वालों की हौसला देखते ही बन रहा है,उन्हें किसी भी तरह से किसी का कोई डर भय नहीं है,और सीना खोलकर मूंछों में ताव देते हुए सरेआम मांस मछली बिक्री का खेला चल रहा है,ऐसा नहीं कि इसे लेकर जिले के आला अधिकारियों को जानकारी नहीं हो,यहां स्पष्ट कर दें कि यह कार्य चांपा स्टेशन रोड राष्ट्रीय राजमार्ग 49 पर सरे आम देखा जा सकता है, इस संदर्भ में बने हुए तमाम नियमों कि प्रतिदिन धज्जियां उड़ाई रही है,नियमानुसार खुले में मांस समाग्री बिक्री के संदर्भ में एक नहीं अनेकों नियम का पालन करना अनिवार्य होता है, जैसे कि व्यवसाय के लिए लाइसेंस लेना, मांस मछली बिक्री के लिए गुमटी ठेला आदि के स्थान पर व्यवस्थित (स्लॉटर हाउस) व सुरक्षित स्थान का होना नियत रखा गया है लेकिन यहां किसी भी किस्म के नियमों का कोई पालन करता हुआ दिखाई नहीं देता है,जारी नियमों के अनुसार कि पशु कटिंग करने के 3 घंटे के अंदर मांस बिक्री को अनिवार्य किया गया है, तथा सुरक्षित और सु व्यवस्थित स्थान का होना अनिवार्य है, पर यहां तो सुबह का कटा हुआ मांस मछली को 24 घंटे बाद तक भारी प्रदूषण एवं अव्यवस्था के बीच नियमों को ताक में रखकर बेचा जा रहा है, मांस आदि को काटने के लिए लोहे आदि से बने हुए औजारों का इस्तेमाल नहीं किया जाना है, पशु तथा बिक्री कर्ता के स्वास्थ्य का नियमित जांच पड़ताल की निगरानी होनी चाहिए तथा इनमें से किसी को भी किसी भी किस्म का संक्रामक बीमारी आदि का लक्षण परिलक्षित नहीं होना चाहिए जैसे अनेक नियमों का पालन अनिवार्य बताया गया है लेकिन मजाल है किसी भी स्थान पर इन नियमों का पालन हो रहा हो,
खाद्य सुरक्षा विभाग,नगर पालिका तथा पशुपालन विभाग आदि का नाकारापन का नतीजा है कि किस तरह की लापरवाही जो की जनता के सेहत पर भारी है की जा रही है,तो फिर सवाल उठता है प्रशासन के उच्च पदों पर बैठे हुए जिम्मेदार लोगों के द्वारा इन पर कार्यवाही क्यों नहीं किया जाता यह एक बड़ा प्रश्न है?











