
हरि ओम विश्वकर्मा की रिपोर्ट/ औद्योगिक गतिविधियां और डीजल वाहन बना रहे हवा को ज़हरीला
ठंड में थमी हवा, बढ़ा प्रदूषण का संकट – विशेषज्ञों की चेतावनी
रायपुर सहित कई जिलों की वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर
रायपुर | जय जोहार सीजी न्यूज़
प्रदेश में बढ़ता वायु प्रदूषण अब गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। रायपुर सहित आसपास के कई जिलों में हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक गतिविधियों की अधिकता, डीजल वाहनों की भारी आवाजाही, खराब सड़कों से उड़ती धूल और खेतों में जलाई जा रही पराली ने इस संकट को और गहरा कर दिया है।
❄️ ठंड के मौसम में बढ़ती समस्या
मौसम विशेषज्ञ एच.पी. चंद्रा के अनुसार,
“ठंड के मौसम में हवा की औसत गति मात्र दो किलोमीटर प्रति घंटा रह जाती है। इतनी कम रफ्तार में प्रदूषक कण एक ही क्षेत्र में जमा हो जाते हैं और वातावरण में लंबे समय तक टिके रहते हैं।”
उन्होंने बताया कि प्रदेश में संचालित सैकड़ों भारी उद्योगों और डीजल वाहनों से निकलने वाले कार्बन कण, पराली जलाने से उठने वाला धुआं और सड़कों की धूल मिलकर हवा को अत्यधिक जहरीला बना रहे हैं।
पेड़ों की कमी भी बड़ा कारण
हसदेव अरण्य जैसे क्षेत्रों में लाखों पेड़ों की कटाई और आमजन में वृक्षारोपण को लेकर जागरूकता में आई कमी भी प्रदूषण बढ़ने का बड़ा कारण मानी जा रही है। पेड़ों की संख्या कम होने से प्रदूषक कण वातावरण में ही बने रहते हैं और उनका शुद्धिकरण नहीं हो पाता।
प्रदेश के प्रमुख जिलों की वायु गुणवत्ता (AQI)
रायपुर – 228 (अत्यंत चिंताजनक)
दुर्ग – 192 (स्वास्थ्य पर असर)
बिलासपुर – 190 (गंभीर)
जगदलपुर – 107 (सतर्कता जरूरी)
रायगढ़ – 100 (फिलहाल राहत)
कोरबा – 98 (संतोषजनक)
⚠️ स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस के रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। साथ ही प्रशासन से औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्ती, पराली जलाने पर रोक और बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाने की मांग की जा रही है।
अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में यह समस्या और भयावह रूप ले सकती है।











