
13 दिनों के ऐतिहासिक धरने के बाद झुका कंपनी प्रबंधन, मजदूरों की एकजुटता ने दिलाई बड़ी जीत
✍️ हरिओम की रिपोर्ट | जय जोहार सीजी न्यूज़।
तिल्दा नेवरा। लगातार 13 दिनों तक कड़ाके की ठंड में दिन-रात धरने पर बैठे मजदूरों की संघर्षशील एकता के आगे आखिरकार कंपनी प्रबंधन को झुकना पड़ा। यह जीत सिर्फ मांगों की नहीं, बल्कि एकता, धैर्य, साहस और नेतृत्व पर अटूट विश्वास की जीत है।
धरना अवधि के दौरान मजदूरों को तोड़ने के लिए अफवाहें फैलाई गईं, कानूनी कार्यवाही की धमकी दी गई, कई साथियों को काम से निकालने के नोटिस और कारण बताओ नोटिस तक जारी किए गए। चारों ओर से दबाव बनाया गया, लेकिन मजदूर साथी फौजी की तरह सरहद पर डटे रहे और अपनी एकता को टूटने नहीं दिया।
टूल डाउन (हड़ताल) को पूरी मजबूती से बरकरार रखना ही इस ऐतिहासिक जीत का सबसे बड़ा कारण बना।

मजदूरों की प्रमुख मांगें मानी गईं
धरने के बाद हुई वार्ता में कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों की सभी प्रमुख मांगों को स्वीकार किया, जिनमें शामिल हैं—
🔹 कंपनी एवं शासन-प्रशासन द्वारा की गई सभी कार्यवाहियों को निरस्त किया गया।
🔹 BSR एवं एडॉक श्रमिकों को जनवरी 2025 से
न्यूनतम मजदूरी
नेशनल हॉलिडे/फेस्टिवल हॉलिडे/EL, CL
ओवरटाइम का दोगुना भुगतान
🔹 माइंस कर्मचारियों को
₹4000 प्रतिमाह एक्सग्रेशिया
वर्ष 2025 में ₹20,000
अप्रैल 2026 से ₹28,000 प्रतिवर्ष
इसके अतिरिक्त वेतन वृद्धि अलग से
🔹 सभी ठेका श्रमिक सप्लाई कर्मियों को
1 अप्रैल से ₹15 प्रतिदिन की वृद्धि
जनवरी माह के भुगतान में शामिल
🔹 10 दिसंबर से 22 दिसंबर तक टूल डाउन में शामिल सभी श्रमिकों को पूरा वेतन भुगतान।
🔹 जनवरी 2025 से सभी श्रमिकों को ओवरटाइम का दोगुना भुगतान।

नारी शक्ति और नेतृत्व को समर्पित यह जीत
इस आंदोलन में नारी शक्ति की भागीदारी और श्रमिक नेताओं का मार्गदर्शन निर्णायक साबित हुआ। यह जीत सभी श्रमिक साथियों, नेतृत्वकर्ताओं और संघर्ष में डटी महिलाओं को समर्पित की गई।
✊ यह आंदोलन साबित करता है कि जब मजदूर एकजुट होते हैं, तो किसी भी बड़े से बड़े प्रबंधन को झुकना पड़ता है।
📌 जय जोहार सीजी न्यूज़ – मजदूरों की आवाज़











