
संवाददाता धीरेंद्र कुमार जायसवाल/जबरन मजदूरी, फर्जी मस्टररोल और अतिक्रमण संरक्षण का आरोप
जंगल के मजदूरों को मुर्गी फार्म में कराया जबरिया काम, मजदूरी भी नहीं दी
वनरक्षक मनबोधन टंडन की भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगीं, ग्रामीणों में आक्रोश
📍 बलौदाबाजार (धाराशिव):
धाराशिव अस्थायी रोपणी में पदस्थ बीट गार्ड मनबोधन टंडन पर भ्रष्टाचार, अनियमितता और मानवाधिकार उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि टंडन ने न केवल फर्जी मस्टररोल बनाकर नरेगा मजदूरों के नाम पर सरकारी धन की बंदरबांट की, बल्कि उन्हें एक निजी मुर्गी फार्म में जबरन मजदूरी करवाने के लिए मजबूर किया — वह भी बिना किसी भुगतान के।
✳️ नरेगा मजदूरों से करवाया निजी काम, एक रुपये तक नहीं दिया
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीट गार्ड मनबोधन टंडन ने ग्रामीणों को यह कहकर बुलाया कि उन्हें जंगल कार्य के लिए नरेगा के तहत नियुक्त किया जा रहा है। परंतु वास्तविकता में उन मजदूरों को उसके करीबी अतिक्रमणकारी मित्र के मुर्गी फार्म में भेजा गया, जहाँ उनसे मुर्गियों की देखरेख, फार्म सफाई और अन्य निजी कार्य करवाए गए।
कई मजदूरों ने बताया कि वे सुबह से देर शाम तक काम करते रहे, लेकिन बदले में एक भी रुपया नहीं मिला। यह न केवल सरकारी आचरण नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मजदूर अधिकारों और मानवीय गरिमा पर सीधा प्रहार भी है।
✳️ फर्जी मस्टररोल और नरेगा में लाखों की गड़बड़ी:
मनबोधन टंडन पर नरेगा योजनाओं में फर्जी मस्टररोल भरकर बड़े पैमाने पर सरकारी राशि गबन करने का भी आरोप है। ग्रामीणों के अनुसार, जंगल चौकीदार संतोष यदु के पूरे परिवार के नाम मस्टररोल में प्रविष्टियां की गईं — जबकि उन्होंने कभी भी जंगल कार्य नहीं किया। इसके विपरीत, जिन्होंने वास्तव में काम किया, उन्हें आज तक मजदूरी नहीं मिली।
✳️ अतिक्रमण को बढ़ावा, गरीबों को खदेड़ा गया:
टंडन पर वन भूमि पर भ्रष्ट तरीके से मकान निर्माण की अनुमति देने का भी आरोप है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि जब गरीब, बेघर परिवारों ने अस्थायी झोपड़ियाँ डालीं, उन्हें वन विभाग ने हटाने में देर नहीं की। वहीं, संपन्न और प्रभावशाली लोगों को, जो पहले से ही मकान मालिक हैं, पक्के मकान बनाने की मौखिक अनुमति दे दी गई।
चौंकाने वाली बात यह है कि धान उपार्जन केंद्र के लिए भूमि आवंटन को रोका गया, जबकि निजी लाभ के लिए नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं।
✳️ ग्रामीणों की चेतावनी: निष्पक्ष जाँच नहीं तो होगा जनआंदोलन:
बीट गार्ड टंडन की कार्यशैली से त्रस्त ग्रामीणों ने वनमंत्री और जिला प्रशासन को लिखित शिकायत दी है। उनका कहना है कि यदि जल्द ही निष्पक्ष और कठोर कार्यवाही नहीं हुई, तो पूरे क्षेत्र में व्यापक जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा।
❗ यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, यह जनविश्वास का हनन है:
ग्रामीणों की शिकायत केवल आर्थिक शोषण की नहीं, यह एक शासकीय पद की नैतिकता के पतन और जनसामान्य के अधिकारों के हनन की दास्तान है। शासन को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द सत्यापन एवं न्यायिक प्रक्रिया आरंभ करनी चाहिए।