
संवाददाता धीरेंद्र कुमार जायसवाल/ फ्लाइंग ऑफिसर निष्ठा वैद: अपने दादा के सपनों को दे रहीं पंख
हैदराबाद। फ्लाइंग ऑफिसर निष्ठा वैद ने भारतीय वायुसेना में प्रवेश लेकर अपने दादा का सपना साकार किया है। वर्ष 1952 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए उनके दादा टाइगर मॉथ विमान उड़ाते थे। वह निष्ठा को प्यार से ‘सोल्जर’ कहकर बुलाते थे और हमेशा उनमें देश की सेवा करने की क्षमता देखते थे। उनके इसी विश्वास ने निष्ठा को प्रेरित किया और उन्होंने पहले ही प्रयास में एयरफोर्स की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।
एयर फोर्स एकेडमी (AFA) में प्रशिक्षण के दौरान, निष्ठा ने खेलकूद का कोई पूर्व अनुभव न होने के बावजूद अपनी सीमाओं को लांघते हुए 1.5 किलोमीटर और 5 किलोमीटर दौड़ में एकेडमी के रिकॉर्ड तोड़ दिए। उन्होंने क्रॉस कंट्री प्रतियोगिताओं में भी स्वर्ण पदक जीते और ऑटम टर्म 2024 में आउटडोर ट्रेनिंग की ‘सर्वश्रेष्ठ सर्वांगीण कैडेट’ घोषित की गईं।
इसके बाद स्प्रिंग टर्म 2025 में उन्हें एकेडमी की ‘वीमेन कैडेट कैप्टन (WCC)’ नियुक्त किया गया। प्रशिक्षण की समाप्ति पर उन्होंने ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया और राष्ट्रपति पट्टिका (President’s Plaque) से सम्मानित हुईं। इसके साथ ही, उन्होंने प्रशासनिक शाखा में भी पहला स्थान हासिल किया।
अब एक एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के रूप में फ्लाइंग ऑफिसर निष्ठा वैद देश सेवा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अपने दादा की विरासत को आगे बढ़ाते हुए वे भारतीय वायुसेना में गौरवपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जय हिंद! 🇮🇳✈️