
घरघोड़ा में खतरनाक रसायनों से विस्फोटक बनाने वाली ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव्स कंपनी के लिए प्रशासन ने अपना पूरा तंत्र झोंक दिया है।
एसडीएम रमेश मोर ने चुपचाप भूमि का डायवर्सन कर दिया, जबकि ग्रामीण विरोध करते रहे। 10 एकड़ से अधिक जंगल क्षेत्र की जमीन कंपनी को दे दी गई। प्रशासन पूरी तरह से उद्योगपतियों के पक्ष में खड़ी नजर आ रही है।
क्या रायगढ़ अब उद्योगपतियों के इशारे पर चलेगा? क्या प्रशासन जनता के बजाय सिर्फ पैसों की भाषा समझता है?
धनबाद की ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव्स ने डोकरबुड़ा में जमीन खरीदने के लिए भूमि दलालों और उद्योगपतियों की मिलीभगत से काम किया। एक ही जमीन को दो बार पलटी कर बेचा गया, जिससे सरकार को भी भारी नुकसान हुआ।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि सांसद राधेश्याम राठिया इस पूरे मामले पर चुप क्यों हैं? यह विस्फोटक फैक्ट्री उनके अपने गांव छर्राटांगर के पास लग रही है, लेकिन उन्होंने ग्रामीणों का साथ देने का नहीं सोंचा।
क्या सांसद भी उद्योगपतियों के दबाव में हैं? क्या भाजपा की सरकार पूरी तरह इस सौदे में शामिल है?
रायगढ़ पहले से ही तीन विस्फोटक फैक्ट्रियों का गढ़ है। अब ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव्स बिना अनुमति लिए बारूद फैक्ट्री लगाने जा रही है।
अब ग्रामीण खुलकर विरोध में उतर आए हैं। “हमने सांसद को चुना था, लेकिन वे उद्योगपतियों के पक्ष में खड़े हैं!”
क्या सांसद राधेश्याम राठिया और एसडीएम रमेश मोर इस घोटाले पर सफाई देंगे? या फिर प्रशासन केवल धनकुबेरों की सेवा में ही लगा रहेगा?
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