
संवाददाता धीरेंद्र जायसवाल
गरियाबंद- गरियाबंद में नगरपालिका चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। भाजपा ने अधिवक्ता प्रशांत मानिकपुरी को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन महज 24 घंटे में उनका टिकट काटकर रिखी राम यादव को उम्मीदवार बना दिया गया।
इस फैसले का भारी विरोध सामने आया है, क्योंकि प्रशांत मानिकपुरी ने आज निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र भरा है। अब यह भाजपा के लिए सबसे बड़ा संकट बन गया है। क्या पार्टी प्रशांत को मना पाएगी, या कांग्रेस को इसका सीधा फायदा मिलेगा?
भाजपा के इस आंतरिक घमासान से सियासी हलचल तेज हो गई है। अगर प्रशांत निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो यह भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। इससे कांग्रेस को वोट बैंक में सीधा फायदा हो सकता है।
भाजपा के पास अब 31 जनवरी तक का समय है, जब नामांकन वापस लिया जा सकता है। पार्टी की पूरी कोशिश होगी कि प्रशांत मानिकपुरी को मनाकर उन्हें चुनावी मैदान से हटाया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो भाजपा के वोटबैंक में सेंध लग सकती है।
अब सभी की नजरें भाजपा की अगली रणनीति पर टिकी हैं। क्या पार्टी अपने ही नाराज नेता को मना पाएगी, या फिर यह बगावत भाजपा की जीत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बनेगी? गरियाबंद की राजनीति में यह चुनाव बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है।
आने वाले दिनों में बड़े राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।
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