Blog

  • jay johar 1
Spread the love

लाइक सब्सक्राइब शेयर कमेंट

संवाददाता हरिराम देवांगन/ चार दिनों की मशक्कत के बाद धराया दीपक कुमार, कड़ी पूछताछ जारी

खुल सकते हैं कई बड़े राज, रकम वापसी को लेकर पीड़ितों की टिकी निगाहें

जिला उप मुख्यालय – चांपा
चांपा सहित आसपास के क्षेत्रों में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर सैकड़ों खाताधारकों की गाढ़ी कमाई हड़पने वाला चर्चित आरोपी दीपक कुमार देवांगन आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गया है। चार दिनों की लगातार तलाश और कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के साथ ही क्षेत्र में फैले इस बहुचर्चित घोटाले की परतें खुलने की उम्मीद जगी है।

बताया जा रहा है कि दीपक कुमार देवांगन चांपा मुख्य डाकघर में एजेंट के रूप में लंबे समय से सक्रिय था। मृदुभाषी स्वभाव और घर-घर पहुंचकर सुविधा देने के बहाने उसने सैकड़ों लोगों का विश्वास जीता। इसी विश्वास का फायदा उठाते हुए उसने सेविंग अकाउंट, रिकरिंग डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी योजनाओं के तहत धड़ाधड़ खाते खुलवाए।

कच्ची डायरी से जीता भरोसा, खातों में नहीं जमा की रकम:
जांच में सामने आया है कि आरोपी खाताधारकों से प्रतिदिन अथवा मासिक किस्त के रूप में नकद राशि लेता था और भरोसा दिलाने के लिए कच्ची डायरी में एंट्री कर देता था। अधिकांश खाताधारकों को यही विश्वास था कि उनकी रकम नियमित रूप से पोस्ट ऑफिस में जमा हो रही है, जबकि वास्तविकता यह थी कि ओपनिंग अमाउंट के बाद खातों में फूटी कौड़ी तक जमा नहीं की गई।

पांच वर्षों तक चला सुनियोजित फर्जीवाड़ा:
लगभग पांच वर्षों तक यह धोखाधड़ी निर्बाध रूप से चलती रही। आश्चर्य की बात यह रही कि न तो किसी खाताधारक ने समय रहते संदेह जताया और न ही चांपा मुख्य डाकघर के जिम्मेदार अधिकारियों ने इतने लंबे समय तक खातों में लेनदेन न होने पर कोई सवाल खड़ा किया। इसी लापरवाही और भरोसे की आड़ में दीपक ने करोड़ों रुपये की जालसाजी को अंजाम दिया।

अचानक हुआ अंडरग्राउंड, मचा हड़कंप:
योजना के तहत आरोपी अचानक भूमिगत हो गया। जब खाताधारकों ने उससे संपर्क करने की कोशिश की और उसका कहीं पता नहीं चला, तब संदेह गहराया। देखते ही देखते मामला उजागर हुआ और सैकड़ों पीड़ित पोस्ट ऑफिस व थाना पहुंच गए। शिकायतें उच्च स्तर तक पहुंचने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया।

गिरफ्तारी के बाद कई सवाल:
फिलहाल आरोपी से कड़ी पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि
इस पूरे घोटाले में और कौन-कौन शामिल है?
क्या इसके पीछे कोई और मास्टरमाइंड है?
आरोपी को किन लोगों का संरक्षण या सहयोग मिला?
और सबसे बड़ा सवाल—क्या पीड़ितों की करोड़ों रुपये की रकम वापस मिल पाएगी?

पीड़ितों की निगाहें जांच पर:
बेटी की शादी, बच्चों की पढ़ाई, घर निर्माण और बुढ़ापे के सहारे के लिए जमा की गई राशि गंवा चुके सैकड़ों खाताधारकों की निगाहें अब पुलिस जांच पर टिकी हैं। उन्हें उम्मीद है कि आरोपी से सख्त पूछताछ के बाद सच्चाई सामने आएगी और न्याय मिलेगा।

फिलहाल पूरे मामले में आगे क्या-क्या खुलासे होते हैं, इस पर पूरे जिले की नजर बनी हुई है।

About The Author


Spread the love
  • whatsapp-webP
  • telegram-webp
error: Content is protected !!